भैरव देव आ जाते मेरे सामने भजन लिरिक्स

नाकोडा में पार्श्व भैरव का,
कितना सुंदर धाम है,
मेवानगर के राजा जिनका,
इस दुनिया मे नाम है,
जब दिल से इसे पुकारू मैं,
इन नयनो से निहारु मैं हो,
भैरव देव आ जाते मेरे सामने,
मेरा दादा आ जाते मेरे सामने।।

तर्ज – कुछ गीत लबो पे सजते है।



पार्श्वनाथ की सुंदर प्रतिमा,

मेरे मन को लुभाती है,
काला गोरा भैरव संग में,
दीये संग ज्यो बाती है,
जब जब भी आंगिया रचाऊँ में,
जब दिव्य ज्योत प्रकटाऊँ में,
भैरव देव आ जातें मेरे सामने,
मेरा दादा आ जाते मेरे सामने।।



गजब का है श्रंगार इनके,

मुख पे चमके नूर है,
काला गौरा भैरव देव,
हाज रा हजूर है,
भक्ति से इन्हें रिझाऊँ में,
प्यारा सा भजन सुनाऊँ में,
भैरव देव आ जातें मेरे सामने,
मेरा दादा आ जाते मेरे सामने।।



तेरा ही दीदार करूँ में,

जहाँ भी जाती है ये नजर,
है अनमोल ये लम्हा ‘दिलबर’,
आया में दादा के दर,
दिल का हाल सुनाऊँ में,
चरणों में शीश झुकाऊँ में,
भैरव देव आ जातें मेरे सामने,
मेरा दादा आ जाते मेरे सामने।।



नाकोडा में पार्श्व भैरव का,

कितना सुंदर धाम है,
मेवानगर के राजा जिनका,
इस दुनिया मे नाम है,
जब दिल से इसे पुकारू मैं,
इन नयनो से निहारु मैं हो,
भैरव देव आ जाते मेरे सामने,
मेरा दादा आ जाते मेरे सामने।।

गायक – अनमोल जैन।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन, म.प्र. 9907023365


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