धिन धरती धिन समराथल रो धाम जी भजन लिरिक्स

धिन धरती धिन समराथल रो धाम जी,
जम्भेश्वर रटियो हरि रो नाम जी,
ऊंचों धोरो ऊजलो जठे जाम्भोजी विराजे जी,
माला फेरी जी विष्णुदेव री।।



ओम विष्णु ओम विष्णु,

धुन धोरा पे लगाई जी,
अलख जगाई हरी रे नाम री,
जीवां ने ऊबारण तारण,
आया जग रे माहीं जी,
मार्ग तो मुक्ति रो बतायो जाम्भेजी।।



विश्नोई पंथ चलायो,

उन्नतीस नियम बताया जी,
कृपा करी जी जम्भदेवजी,
उन्नतीस नियम पर जो चाले,
विश्नोई कहवावे जी,
डोर पकङाई हरि रे नाम री।।



मुक्ति धाम मुकाम म्हारो,

समराथल रो धाम जी,
स्वर्ग सरीखी भूमि सोवणी,
जाम्भोलाव जम्भसरोवर नहाया,
पाप झङ जाय जी,
जाम्भोजी पुरे मन री आस जी।।



थारोङे भरोसे म्हारी,

नाव गुरूवर जाम्भो जी,
पार करिजो म्हारा देवता,
जोगाराम प्रजापत,
चरणा रो चाकर थारो जी,
प्यारो लागे जम्भेश्वर नाम जी।।



धिन धरती धिन समराथल रो धाम जी,

जम्भेश्वर रटियो हरि रो नाम जी,
ऊंचों धोरो ऊजलो जठे जाम्भोजी विराजे जी,
माला फेरी जी विष्णुदेव री।।

गायक – जोगाराम प्रजापत।
हाथीतला बाङमेर।
9587984999


escort bodrum
escort istanbul bodrum escortlarescort izmirdeneme bonusupuff satın alTrans ParisEscort Londonizmir escort bayanUcuz Takipçi Satın AlElitbahisBetandreasligobettempobettempobet sorunsuzonwin girişOnwinfethiye escortSahabet Girişgobahissahabetshakespearelane