जब जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना लिरिक्स

जब जब भी पुकारू माँ,
तुम दौड़ी चली आना,
एक पल भी नहीं रुकना,
मेरा मान बड़ा जाना।।

तर्ज – ये मेरी अर्जी है।



इस दुनियां वालो ने,

माँ बहुत सताया है,
जब आंसू बहे मेरे,
तुम पौंछने आ जाना,
जब जब भी पुकारू मां,
तुम दौड़ी चली आना।।



नवरात्री महीने में,

माँ कन्या जिमाउंगी,
जब हलवा बने मैया,
तुम भोग लगा जाना,
जब जब भी पुकारू मां,
तुम दौड़ी चली आना।।



सावन के महीने में,

माँ झूला लगाउंगी,
जब झूला पड़े मैया,
तुम झूलने आ जाना,
जब जब भी पुकारू मां,
तुम दौड़ी चली आना।।



मैं बेटी तेरी हूँ,

तू भूल ये मत जाना,
जब अंत समय आये,
मुझे दर्श दिखा जाना,
जब जब भी पुकारू मां,
तुम दौड़ी चली आना।।



मैं रह ना सकुंगी माँ,

तुम छोड़ के मत जाना,
जब प्राण उड़े मेरे,
मुझे गोद उठा लेना,
जब जब भी पुकारू मां,
तुम दौड़ी चली आना।।



जब जब भी पुकारू माँ,

तुम दौड़ी चली आना,
एक पल भी नहीं रुकना,
मेरा मान बड़ा जाना।।

Singer – Upasana Mehta


escort bodrum
escort istanbul bodrum escortlarescort izmirdeneme bonusupuff satın alTrans ParisEscort Londonizmir escort bayanUcuz Takipçi Satın AlElitbahisBetandreasligobetsweet bonanzatempobet sorunsuzonwin girişOnwinfethiye escortSahabet Girişgobahissahabetshakespearelaneanadolu yakası escort bayanlar