किसी का तुम्हे जब सहारा ना हो भजन लिरिक्स

किसी का तुम्हे जब सहारा ना हो,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा ना हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा,
तुम्हारे लिये,
किसी का तुम्हे जब सहारा न हो,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा न हो।।
kisi ka tumhe jab sahara na ho lyrics
तर्ज – कोई जब तुम्हारा।



मिले जो जमाने की ठोकर तुम्हे,

उठाकर गले से लगा लूंगा मैं,
जो रुसवा करे तेरे अपने तुझे,
तो सम्मान तुझको दिलाऊंगा मैं,
जो गर्दिश में तेरा गुजारा ना हो,
भटकना भी तुझको गवारा ना हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा,
तुम्हारे लिये,
किसी का तुम्हे जब सहारा न हो,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा न हो।।



अकेले नहीं तुम ही संसार में,

है तुम से कई मेरे दरबार में,
ना छोडूंगा तुझको मैं मझदार में,
मिला लूंगा अपने ही परिवार में,
अगर तू किसी का दुलारा न हो,
किसी की भी आँखों का तारा न हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा,
तुम्हारे लिये,
किसी का तुम्हे जब सहारा न हो,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा न हो।।



दुखी दीन हीनो की मुस्कानो में,

मेरा रूप तुझको नजर आएगा,
जो इंसानियत न हो इंसान में,
वो जानवर ही तो कहलायेगा,
किसी ने तुझे गर सवारा न हो,
तेरी गलतियों को सुधारा न हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा,
तुम्हारे लिये,
किसी का तुम्हे जब सहारा न हो,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा न हो।।



किसी का तुम्हे जब सहारा ना हो,

जहाँ में कोई जब तुम्हारा ना हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा,
तुम्हारे लिये,
किसी का तुम्हे जब सहारा न हो,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा न हो।।

स्वर – संजय मित्तल जी।


escort bodrum
escort istanbul bodrum escortlarescort izmirdeneme bonusupuff satın alTrans ParisEscort Londonizmir escort bayanUcuz Takipçi Satın AlElitbahisBetandreasligobettempobettempobet sorunsuzonwin girişOnwinfethiye escortSahabet Girişgobahissahabetshakespearelane