शीश सांवरे का खाटू में जग पे राज चलाता लिरिक्स

शीश सांवरे का खाटू में,
जग पे राज चलाता,
धड़ के साथ जो होता सांवरा,
क्या क्या खेल दिखाता,
श्याम प्यारे श्याम प्यारे,
श्याम प्यारे।।

तर्ज – अनहोनी को होनी कर दे।



लोग तो कहते है,

बाबा के हाथ नही,
जरा बताओ किसमे,
इनका हाथ नही,
हाथों से पतवार चलाता,
नैया पार लगाता,
नाव डूबने से पहले,
मेरा बाबा हाथ लगाता,
श्याम प्यारे श्याम प्यारे,
श्याम प्यारे।।



इन आँखों को पाँव,

नही दिख पाते है,
हर मुश्किल में श्याम,
ही दौड़े आते है,
इनके चरणों की रज को,
जो सेवक शीश लगाता,
उसके वारे न्यारे है जो,
चरणों में बिछ जाता,
श्याम प्यारे श्याम प्यारे,
श्याम प्यारे।।



‘सचिन’ कहे की बस,

बाबा से प्यार करो,
राजनीत न खाटू के,
दरबार करो,
श्याम सभी पे प्यार लुटाता,
हारे को अपनाता,
जिसका कोई नही ‘मनु’,
उसे श्याम है गले लगाता,
श्याम प्यारे श्याम प्यारे,
श्याम प्यारे।।



शीश सांवरे का खाटू में,

जग पे राज चलाता,
धड़ के साथ जो होता सांवरा,
क्या क्या खेल दिखाता,
श्याम प्यारे श्याम प्यारे,
श्याम प्यारे।।

स्वर – मनोज ठठेरा।
9887101010


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